Jaggu Dada

याद रखना तुझे मेरा एक जुर्म था,
भूल जाना तुझे दूसरा जुर्म है

क्या िसतम है िक तेरे हसीं शहर में,
हर तरफ़ ग़ौर से देखना जुर्म है.

another one....

ये न थी हमारी िकस्मत, िक िवसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रह्ते, यही इन्तज़ार होता ........

[िवसाल - meeting/union]

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