एक कदम और...

जब रात आधी बीत जाए 
और आँखों में नींद भर आए | 
जब भीड़ में एकाकी लगे 
और अपने भी अजनबी लगें | 
जब ख्वाहिशें ख़ुदकुशी करें 
और रास्ते सब बंद दिखें | 

खुद से अपनी पहचान कर 
तू एक कदम और चल |

Comments

  1. तू एक कदम और चल।
    चल जहां सुकून हो, चल जहां न आह हो।
    तू एक कदम और चल, तू एक कदम और चल।

    वाह चंद्रा साहब, बढ़िया।

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